‘वह रात और अन्य कहानियाँ’ का लोकार्पण लंदन में

‘वह रात और अन्य कहानियाँ’ का लोकार्पण लंदन में

राकेश बी. दुबेः हिंदी एवं संस्कृति अधिकारी,भारतीय उच्चायोग, लन्दन, प्रज्ञा ‘सुरभि’ सक्सेना, उषा राजे सक्सेनाः लेखिका-‘ वह रात और अन्य कहानियां ‘, अचला शर्माः लेखिका तथा निदेशक, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस रेडियो-हिंदी, लंदन, मोनिका मोहताः निदेशक, नेहरू केन्द्र, ‘प्राण’ शर्माः आलोचक-समीक्षक गज़लकार, महेश भार्द्वाजः प्रकाशक,सामयिक प्रकाशन, भारत

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चर्चित कहानीकार उषा राजे सक्सेना के कहानी संग्रह ‘वह रात और अन्य कहानियाँ’ का लोकार्पण’ लंदन स्थित नेहरूकेंद्र में दिनांक शुक्रवार 30 मई 2008 को संपन्न हुआ।

समारोह की अध्यक्षता, अचला शर्मा लेखिका, निदेशक बी.बी.सी वर्ल्ड सर्विस हिंदी लंदन ने किया। नेहरूकेंद्र की निदेशक सुश्री मोनिका मोहता, आलोचक-समीक्षक गज़लकार श्री प्राण शर्मा, लेखिका-अनुवादक सुश्री युट्टा आस्टिन, तथा भारत से आए पुस्तक के प्रकाशक श्री महेश भारद्वाज (सामायिक प्रकाशन) विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए नेहरू केंद्र की निदेशक, मोनिका मोहता ने सभी आगंतुक साहित्यकारों और श्रोताओ का स्वागत करते हुए बताया कि उषा राजे सक्सेना ब्रिटेन की एक महत्वपूर्ण कथाकार हैं उनके कहानी संग्रह ‘वह रात ओर अन्य कहानियाँ’ पुस्तक का लोकार्पण समाहरोह आयोजित कर नेहरू सेन्टर गौरवान्वित है।

कार्यक्रम की अध्यक्षा अचला शर्मा ने अपने वक्तव्य में बताया उषा राजे की विशेषता यह है कि वे अपना काम चुपचाप करती हैं। उनकी कहानियों में युग-बोध है, यथार्थ है। ये कहानियाँ पाठक को अंत तक बाँधे रखते मे समर्थ हैं।

मुख्य वक्ता प्राण शर्मा ने अपने वक्तव्य के दौरान कहा, उषा राजे की कहानियाँ’ उनके ब्रिटेन के साक्षात अनुभवों को अभिव्यक्त करती हैं। ये कहानियाँ हिंदी साहित्य में तो शीर्ष स्थान बनाती ही हैं साथ अँग्रेज़ी कहानियों के समानांतर भी हैं। ‘वह रात और अन्य कहानियाँ’ में दुनिया के अनेक देशों के आप्रवासी पात्र अपनी-अपनी व्यक्तिगत एवं स्थानीय समस्याओं और मनोवैज्ञानिक दबाव के साथ हमारे समक्ष आते हैं।

लेखिका-अनुवादक सुश्री युट्टा आस्टिन ने उषा राजे की कहानियों को गहन अनुभूतियोंवाली वाली कहानियाँ बताया। उन्होंने कहा ये कहानियाँ मात्र भारतीय या पाश्चात्य ही नहीं बल्कि विभिन्न देशों से आए प्रवासियों की कहानियाँ है। युट्टा ने बताया कि उन्होंने इन कहानियों का अंग्रेजी अनुबाद कर इन्हें विश्वव्यापी बनाने का प्रयास किया है।

प्रकाशक महेश भारद्वाज ने ‘वह रात और अन्य कहानियाँ’ को वैश्विक, यथार्थ पर आधारित पठनीय कहानियाँ बताया।

उषा राजे ने अपने वक्तव्य में कहा वे अपनी लेखनी के माध्यम से मातृ भाषा के उन पाठकों तक पहुँचना चाहती हैं जिनकी पहुँच अँग्रेज़ी भाषा साहित्य तक नहीं है परंतु वे पाश्चात्य जीवन-पद्धति, जीवन-मूल्य, कार्य-संस्कृति, मानसिकता और प्रवासी जीवन आदि का फर्स्टहैंड पड़ताल चाहते हैं।

कार्यक्रम का संचालन राकेश दुबे, अताशे (हिंदी एवं संस्कृति) भारतीय उच्चायोग लंदन ने किया।

कहानी-पाठ किशोरी प्रज्ञा ‘सुरभि’ सक्सेना ने बड़े ही प्रभावशाली और सरस ढंग से किया।
नेहरूकेंद्र लंदन के तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में ब्रिटेन के लगभग सभी गणमान्य साहित्यकार उपस्थित थे और सभागार श्रोताओं और अतिथियों से भरा हुआ था।
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पुस्तकः ‘वह रात और अन्य कहानियाँ’
लेखिकाः उषा राजे सक्सेना
प्रकाशकः सामायिक प्रकाशन (श्री महेश भारद्वाज)
3320-21 जटवाड़ा, नेताजी सुभाष मार्ग
दरियागंज- नई दिल्ली, भारत
मोबाइल. 919811607086
मूल्य 5 पाउँड या 10 अमेरिकन डालर
भारत-200 रुपए

13 Comments »

  1. आभार इस रपट का. आपकी वजह से हम लोगों को भी जानकारी लग जाती है.

  2. 2
    Priyankar Says:

    आपके ब्लॉग के माध्यम से हम देश के बाहर हो रही सांस्कृतिक-साहित्यिक गतिविधियों की रपट पढ कर सूचना-सम्पन्न हो रहे हैं . आपके प्रति आभार !

  3. 3

    श्रधेय महावीर जी
    आप की रपट पढ़ कर लगा जैसे मैं ख़ुद भी आप के इस कार्यक्रम का हिस्सा बन गया हूँ. बहुत जीवंत रपट लिखी है आपने और हमारे उस्ताद प्राण शर्मा जी के दीदार करवा कर तो सोने पर सुहागे वाला काम कर दिखाया आपने. इस शानदार प्रस्तुति के लिए कोटिश धन्यवाद.
    नीरज

  4. इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की सैर करवाने के लिये आपका आभार

  5. 5
    mehek Says:

    bahut hi achhi samiksha aur report,sach aisa laga mano swayum hum waha ho,usha saxsena ji ko es kahani sangarh ke prakashan ke liye bahut badhai,jab hamare yaha ye milega,jarur padhenge.punashp bahut badhai

  6. शुक्रिया आपका, इस रपट को पढ़वाने के लिए।

  7. 7

    Bahut Barhiya lagi ye report….London ki sair karane ke liye dhanyavaad 🙂

  8. 8

    Bahut bahut dhnayavaad Mahaveer ji…Usha ji ki kahaniya.n dil ke behad kareeb
    hoti hain..anubhuti me chhapi unki kai kahaniyon par graphics banane ka saubhgya
    mujhe mila hai..2 saal pahle unse mulakat bhi hui thi ashok ji ke ghar par
    pravasi-apravasi sammelan par..hame ummed hai ki unka yah sangrha bhi gahan
    anubhutiyon waala bhi hoga..Itni badhiya report banane ke liye aapko bahut
    bahut aabhar.

    aapka
    Vij

  9. इस महत्वपूर्ण साहित्यिक रपट से अवगत कराने के लिए धन्यवाद।

  10. 10

    आपके ब्लॉग के माध्यम से हम देश के बाहर हो रही सांस्कृतिक-साहित्यिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कराने में सफल हो पाते हैं , आपका कोटिश: आभार !

  11. कृपया उषा जी को मेरी हार्दिक बधाइयां पहुंचाएं।


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