नीरज त्रिपाठी
पति या कुत्ता
नीरज त्रिपाठी
उस दिन शर्मा जी जब घर लौटे तो उन्होने देखा कि पूरे घर में सजावट थी और बड़ा सा केक भी रखा था, शर्मा जी के कुछ सोचने से पहले ही उनकी पत्नी नीलू जी ने अचानक प्रकट होते हुए कहा ‘…सरप्राइज।’ शर्मा जी ने सोचा कि उन्हें अपना जन्मदिन याद नहीं लेकिन नीलू को याद है। इससे पहले कि उनकी आंखों से निकले आंसू फर्श पर बिछे कालीन को गीला करते नीलू जी बोलीं, ‘पता है आज जोजो का जन्मदिन है, जोजो नीलू जी का लाड़्ला कुत्ता।’
शर्मा जी को तो जैसे किसी ने बीसवीं मन्जिल से धक्का दे दिया हो, क्योंकि उन्हें अब याद आ चुका था कि उनका जन्मदिन पिछले महीने था और वो वैसे ही निकल गया था, जैसे सरकारी दफ्तर में मेज के नीचे से काला धन जिसका किसी को पता नहीं चलता कि कब कहां से आया और कहां गया। शर्मा जी भले ही जोजो के जन्मदिन की तैयारियों से अनभिज्ञ हों उनके क्रेडिट कार्ड ने नीलू जी का भरपूर सहयोग किया।
शर्मा जी अब अपने आंगन में बच्चों की किलकारियां सुनना चाहते थे लेकिन नीलू जी के विचार इस मामले में (और मामलों की तरह) शर्मा जी से अलग थे, वो कहतीं,
‘अगर बच्चों की जिम्मेदारी हम पर आएगी तो हम जोजो का ध्यान अच्छे से नहीं रख पाएंगे।
‘शर्मा जी भविष्य के बारे में सोचकर सिहर जाते, जब उनके मित्र अपने बच्चों की पापा पापा की आवाज सुनकर हर्षाएंगे और शर्मा जी को जोजो की पीं पीं पीं पीं सुनकर सन्तोष करना पड़ेगा।
शर्मा जी अगर भूल से जोजो को कुत्ता कह देते तो उनकी सजा थी तब तक जोजो से सॉरी बोलते रहना जब तक वो उन्हें माफ करके खुशी से अपनी पूंछ न हिला दे। शर्मा जी पर जोजो ने जो जो सितम ढाए, शर्मा जी सब सहते गए। नीलू जी जब शर्मा जी से नाराज होतीं तो उन्हें कोसतीं कि मेरे साथ रहते रहते जोजो की पूंछ सीधी हो गयी लेकिन तुम कभी नहीं सुधरोगे।
जब नीलू जी जोजो के साथ चलतीं तो लोग कहते कितना भाग्यशाली कुत्ता है, और जब वो शर्मा जी के साथ चलतीं तो लोग कहते कितना अभागा पति है। कभी कभी तो शर्मा जी का ये हाल देख मोहल्ले वालों की हंसी वैसे ही फूट पड़ती जैसे खुले मेनहोल से बारिश का पानी उफन कर निकलता है।
एक तो मोहल्ले वालों के ताने और दूसरा नीलू जी का उनके प्रति सौतेला व्यवहार, शर्मा जी क्षुब्ध होकर बोल पड़े या तो इस घर में जोजो रहेगा या मैं! नीलू जी बोलीं कि उन्हें सोंचने के लिए थोड़ा समय चाहिए और फिर गहन विचार मन्थन के बाद उन्होंने फैसला कर लिया।
शर्मा जी का पति वाला रिश्ता कुत्ते पर भारी पड़ा और वो भार उठाने में नीलू जी असमर्थ थीं, नीलू जी ने जोजो को अपने पास रखने का फैसला किया।
शर्मा जी आजकल एक किराए के मकान में रहते हैं।
नीरज त्रिपाठी
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Posted by महावीर on नवम्बर 11, 2008 at 8:04 अपराह्न
Filed under नीरज त्रिपाठी, हास्य-रस/व्यंग्य  |
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नीरज, अब तो तुम जान ही गए हो। बस, कुत्ते वाली लड़की से दूर ही रहना। पहली
मुलाकात में ही पता कर लेना कि उसके पास कुत्ता तो नहीं है।
बहुत मज़ेदार व्यंग्य है। आनंद आ गया।
🙂 बेहतरीन व्यंग्य!! बधाई नीरज को और आपका आभार.
मजा आ गया त्रिपाठी जी, कुत्ता और पति का चित्रण बड़ा ही रोचक बन पड़ा है..
ha ha ha ha ha ha ha very good to read, great sese of humour..
Regards
tum sab bade kutte ho…..ass
मजा आ गया त्रिपाठी जी ha haaaaaaaaa
बेहतरीन व्यंग्य!! बधाई
hiiiiiiiiiiiiii very niceeeeeeeee
बधाई बहुत अच्छा प्रस्तुतिकरण!
शर्मा जी का पति वाला रिश्ता कुत्ते पर भारी पड़ा और वो भार उठाने में नीलू जी असमर्थ थीं, नीलू जी ने जोजो को अपने पास रखने का फैसला किया।
” ha ha ha mind blowing sense of humour”
Regards
gambhir vyangya…!
मजेदार वाकिया….और उतनी ही लाजवाब प्रस्तुती
Ek behtreen rachna hai,
बहुत मज़ेदार किस्सा 🙂
– लावण्या
waah sahi badi muskan aayi hothon par,sharma ji ka dardhi samjhe aur jojo ke laad bhi sahe,sundar katha.
बहुत बढिया…..मज़ा आ गया…
सबसे बढिया लाईन लगी” जब नीलू जी जोजो के साथ चलतीं तो लोग कहते कितना भाग्यशाली कुत्ता है, और जब वो शर्मा जी के साथ चलतीं तो लोग कहते कितना अभागा पति है।”…
एक बेहतरीन व्यंग्य की प्रस्तुति के लिए…तालियाँ
bahut sundar neeraj bhai…..keep it up
deepa di
बहुत खूब, लाजवाब।
Bahut badiya..neeraj ji…bahut sundar hai..
bindash , niraj ji
maja aa gaya Tirpathi kutta aur pati kee khani me
बेहतरीन व्यंग्य!! बधाई
आपकी यह पोस्ट आज के (१७अगस्त, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन – शनिवार बड़ा मज़ेदार पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई