चलो सेंट लूशिया द्वीपः
महावीर शर्मा
सन् १९९२ में नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित लेखक ‘ डेरिक वालकोट’ ने सेंट लूशिया में ‘ कास्ट्रीज’स्थान पर ही जन्म लिया था। उन्हों ने कहा था कि वह नहीं चाहते थे कि पर्यटकों के हुजूम यहां आ कर इस स्थान का प्रकृतिक सौंदर्य तहस-नहस करें। किंतु प्रकृति-प्रेमी कैसे रुक सकते थे।
फ्रांसीसी और ब्रिटिश मिश्रित सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत को अपनाए हुए,२७ मील लंबा और १४ मील चौड़ा आम के आकार का पूर्वी कैरिबियन शृंखला और मारटीनीक्यू तथा सेंट विंसेंट और बारबेडौस के मध्य प्राकृतिक-सौंदर्य से ओत-प्रोत, १६०००० जन-संख्या का यह छोटा सा द्वीप पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। हरी-भरी वादियां, मछुवाओं के गांव, अग्नि उगलती हुई ज्वालामुखी, खौलते हुए पानी के चश्मे, सफेद रेतीले समुद्री तट देखते हुए ऐसा लगता है कि जैसे किसी काल्पनिक-लोक में विचर रहे हों। समुद्र के किनारों पर पहाड़ियों की चोटियां, समुद्र-तल से दो हजार फुट की ऊंचाई पर दो शंकु की आकृति के पिटन, बरसाती-जंगल, भांति भांति के सुंदर मनमोहक फूल, उन्मत्त शतावरी (आर्किड), विशाल झाड़ीदार पौदे, उष्ण-कटिबंधी लाजवाब पक्षी, सेंट लूशियाई तोते, नाना प्रकार के फलों के वृक्ष, मिनरल बाथ आदि विहंगम दृष्य पर्यटक को अन्य कैरिबियन स्थानों में नहीं मिलेंगे।
भाषाः सेंट लूशिया में अनेक सभ्यताओं का प्रभाव रहा है, इसलिए अंग्रेजी, फ्रैंच, करिबियन आदि भाषाओं का विकृत तथा मिश्रित रूप मिलता है। उनकी अपनी भाषा “पटवा” कहलाती है। फ्रैंच के प्रभाव के कारण, शब्दों का उच्चारण स्पैलिंग से बहुत भिन्न हो जाता है जैसे(Gross Islet ):ग्रोस ईले, (Petit Piton ):पटीट पिटौं, (Jambe de Bois): ज़ांब ड बुआ आदि।
दर्शनीय-स्थानः
कास्ट्रीज : तप कर बना शहर:
‘कास्ट्रीज’ सेंट लूशिया की राजधानी है जो हरी भरी पहाड़ियों से घिरी हुई बंदरगाह के दक्षिणी तट पर स्थित है। इसका कुछ भाग दीर्घ-काल पूर्व अग्निशमित ज्वालामुखी क्रेटर में बना हुआ है। सारा नगर नया लगता है क्योंकि सन् १९४८ में इस नगर में एक भयानक आग के कारण पुराना नगर ध्वंस हो गया था।
कास्ट्रीज वास्तु-कला की दृष्टि से विशेष आकर्षक नहीं लगता किंतु इसकी मार्केट पूरी वेस्ट इंडीज़ में बड़ी ही चित्ताकर्षक है। रविवार को छोड़कर, प्रत्येक दिन यह पैंठ के स्टाइल की मार्केट खुली रहती है। शुक्रवार और शनिवार को यहां की चहल-पहल और स्टालों को देखते हुए घूम घूम कर समय का पता ही नहीं चलता।
स्थानीय स्त्रियां अपनी पारंपरिक वेश-भूषा में, सिर ढकने के अनोखे अंदाज में जिस पर गांठों की संख्या जो
उनके विवाह-गठ-बंधन का द्योतक है, फल-सब्जियों की भरमार, दस्तकारी के सुंदर नमूने जैसे टोकरियां,मिट्टी से बनी हुई बड़ी कलात्मक आकर्षक वस्तुएं आदि सैलानियों को अपनी मोहकता में लिपटा सा लेते हैं।बड़ी दुकानें और स्टोर विलियम बुलेवर्ड और ब्रिज स्ट्रीट में ही मिलती हैं। कुछ स्टोर ड्यूटी-फ्री वस्तुएं भी विक्रय करते हैं। अच्छे बोन-चाइना के सैट, पर्फ्यूम, घड़ियां, शराब और शीशे की चीजें उपलब्ध हैं।
मोर्न फोर्चून में १८वीं शताब्दी में फ्रेंच और ब्रिटिश के मध्य घमासान युद्ध हुआ था। इसलिए ऐतिहासिक पृष्ठ-भूमि के कारण भी इसका महत्व माना जाता है। यहां मिलिट्री कब्रिस्तान, संग्रहालय, ‘चार अपौसल्स बैट्री’ जो एक पुरानी तोप है, गवर्न्मेंट हाउस जो अब सेंट लूशिया के गवर्नर जनरल का निवास स्थान है। यहां का उद्यान दर्शनीयहै। सिंदूरी और जामनी ‘बूगेनविलिया’ लताएं देखते ही बनती हैं। यहां से ‘ कास्ट्रीज’ की बंदरगाह का विस्मय-जनक दृष्य देखने में बड़ा आनंद आता है।
‘पिजन आइलैंड : नेशनल पार्क
उत्तर की ओर प्रसिद्ध ‘पिजन आइलैंड'(कबूतर द्वीप) है। एक समय था कि इस ४४ एकड़ भूमि में असंख्य लाल गर्दन वाले कबूतरों ने धावा बोल दिया था और इसे अपनी छावनी ही बना डाली थी। इसीलिए इसका नाम ‘पिजन आइलैंड’ पड़ गया। यह जगह भी प्रकृति-संपदा से सम्पन्न है। सेंट लूशिया का यह पहला नेशनल पार्क है जिसका मुख्य भाग एक सेतु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इसके पश्चिमी समुद्र पर दो सफेद
रेतीले तट हैं। बहुत समय की बात है, “ज़ांब ड बुआ” नामक एक समुद्री दस्यु जिसकी टांग लकड़ी की बनी हुई थी, इस जगह में छुप गया था। उसी के नाम पर यहां एक रेस्तरां भी है। यहां एक ‘इंटरप्रिटेशन सैंटर’ है जिसमें शिल्प-कृतियों के अतिरिक्त मिलिट्री मीडिया के द्वारा स्थानीय इतिहास की प्रदर्शनी की गई है। इसमें १००० ई. में अमेरीडियनों के कब्जे से लेकर ‘सेंट युद्ध’ तक का विवरण है। उस युद्ध में एडमिरल रॉडनी
के जहाज़ी बेड़े ने फ्रांसीसी एडमिरल ग्रासे को सन् १७८२ में परास्त किया था।
राडनी बे की जवां रातें :
कास्ट्रीज के उत्तर में ‘ राडनी बे’ में मानव-कृत एक समुद्र-ताल ( लगून ) है। रात्रि के समय यहां केंद्र में ‘जाज़ कलब’ और ‘ रेस्टोरेंट सेंट लूशिया ‘ में जाज़-संगीत और ‘ ब्लूज़ संगीत ‘ के कार्य-क्रम के कारण रात्रि-जीवन सजग रहता है। यदि आपको ‘पब’ में जाकर अपनी ‘मद पिपासा’ बुझाने का शौक है तो आइरिश स्टाइल ‘शैमरॉक पब’ रात को खुला रहता है।समस्त कैरेबियन में यहां के मरीना की जल-क्रीड़ा का केंद्र
बड़ा ही दिलकश है।
‘मेरीगोल्ड बे :
कास्ट्रीज के दक्षिण में १३ किलो मीटर पर ‘मेरीगोल्ड बे’ में हर प्रकार की नौकाओं की दौड़ का मनोहारी रोमांचकारी दृष्य देख कर दर्शक भाव-भोर हो जाता है। किनारे पर ताड़ के वृक्षों की शृंखलाओं का ना भूलने वाला नज़ारा मानस-पटल पर छा जाता है। निस्संदेह, पिकनिक के लिए यह स्थान उपयुक्त है। खाड़ी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए २४ घंटे नाव उपलब्ध रहती है।
फिल्म-निर्माताओं के लिए यह मनोहारी स्थान लोक-प्रिय रहा है। सिने-अभिनेत्री ‘सोफिया लारेन’ की प्रसिद्ध फिल्म ‘फायर पावर’ के कई दृष्यों की शूटिंग इसी जगह पर की गई थी। सन् १९६७ में बनी हुई फिल्म ‘ डॉक्टर डूलिटिल ‘ की भी शूटिंग यहां हुई थी। ‘मेरीगोल्ड बीच होटल’ का एक भाग ‘ डूलिटिल ‘ के नाम पर रखा गया है जहां शनिवार को रात के समय ‘ स्टील बैंड ‘ के संगीत के साथ
खाने का प्रबंध भी होता है।
सेंट लूशिया की दूसरी बड़ी बस्ती और सब से पुराना नगर ‘सूफ्रीअर’ है। यह दो शंकु के आकार की दो चट्टानों के लिए प्रसिद्ध है जो ‘ पेटिट पिटन ‘(पिटौन) और ग्रास पिटन’ कहलाती हैं। इनकी ऊंचाई
७३८ मीटर ६९६ मीटर हैं। दीर्घकाल पहले यहां एक ज्वालामुखी पहाड़ में भयानकविस्फोट हुआ था।उसके लावा और पत्थरों से यह दो पिटन इस आकार में स्वतः ही निर्मित हो गये थे। अब इन पर वनस्पति का राज है जन्हें मीलों की दूरी से देखा जा सकता है। इनके निचले भाग पर समुद्र की लहरोंसे टकराने का संगीत अनोखा समां बना देता है। ग्रॉस पिटन पर आप चढ़ सकते हैं किंतु वन-विभाग से स्वीकृति लेनी आवश्यक है या आपके साथ गाईड अथवा ऐसा व्यक्ति साथ होना चाहिए जिसे इस विषय में पर्याप्त जानकारी हो।
ड्राइव-इन-वोलकेनो :
‘ माउंट सूफ्रीअर’ एक सजीव ज्वालामुखी है जहां हर समय आग सजग रहती है। यहां कभी भी विस्फोट की संभावना रहती है परंतु आपको घबराने की जरूरत नहीं है। इसमें आग की गरिमा से कीचड़ सी उबलती रहती है। ज्वालामुखी तक कार द्वारा जा सकते हैं जिसे ‘ड्राइव-इन-वोलकेनो ‘की संज्ञा दी गई है। ज्वालामुखी-विपर (क्रेटर) में गंधक की गंध आती रहती है। कार द्वारा आप इस मिलियनों वर्षों पुराने विलक्षण क्रेटर को देखकर किसी जादू-नगरी का सा अनुभव करेंगे। गंधक के झरने और भाप से भरे हुए ताल के बीच चलकर कौतुहल होता है। इसका शुल्क २. ६० डालर है जिसमें गाइड सम्मलित है। समय सुबह ९ बजे से सांय ५ बजे तक निश्चित है।
अद्वितीय आकर्षण :
समीप ही ‘ डायमंड बाटनिकल गार्डंस ‘ में ‘ डायमंड मिनरल बाथ ‘ स्थित है। यहां ‘ वाटरफाल ‘ इस द्वीप का अद्वितीय आकर्षण है। यह जलप्रपात पीले रंग से काला, फिर हरा और फिर स्लेटी रंग में दिन में कई बार बदलता रहता है। ‘बाथ’ सन् १७८४ में सोलहवें लूई राजा की आज्ञा से बनवाए गए थे। इनका तापमान ४० डिग्री सेंटिग्रेड रहता है। साढ़े पांच डालर में आप ‘बाथ’ में स्नान करके स्वास्थ्य-लाभ उठा सकते हैं।
अन्य जानकारीः
सेंट लूशिया जाने से पहले स्वदेश में ही पूरे द्वीप का टूर का ट्रेवल-एजेंसी द्वारा प्रबंध करने से दौड़-धूप और समय बच जाता है। वैसे वहां पहुंचकर अपनी इचछानुसार भी अपने ढंग से द्वीप का भ्रमण करना कठिन नहीं है।
दूर देशों से आए हुए विमान प्रायः ‘ ह्युआनोरा इंटर्नेशनल एयरपोर्ट ‘ पर उतरते हैं जो कास्ट्रीज से
दक्षिण दिशा में ७२ किलोमीटर की दूरी पर है और टैक्सी या हैलिकॉप्टर द्वारा जाया जाता है। टैक्सी में चार व्यक्तियों का किराया लगभग ६५ डालर और हैलिकॉप्टर का १०० डालर प्रतिव्यक्ति है।हैलिकॉप्टर के लिए ७५८/४५३-६९५० पर टेलिफोन करके बुक कर सकते हैं। वहां के लोग औरटैक्सी ड्राइवर बहुत ही अच्छी तरह बात करते हैं और सहायता करने में अपना गर्व अनुभव करते हैं।वही टैक्सी-ड्राइवर गाइड का काम भी करता है। आप पूरे दिन का टूर १३२ डालर में या आधे दिन काटूर भी ले सकते हैं।
‘बस’ से भी सफर कर सकते हैं। कास्ट्रीज से ‘सूफरिरे’ या ‘ वीयू ‘ आदि स्थानों के लिए ‘मिनी बस’ जिसे वहां ‘लूशियन लव’ कहते हैं, द्वारा यात्रा की जा सकती है पर इनमें बहुत भीड़ होती है। साथ ही मार्केट के दुकानदारों का बेचने का माल भी ठूंस कर भर लिया जाता है। यह ‘बस’ कास्ट्रीज में मार्केट के पास ब्रिज स्ट्रीट से मिलती है। कुछ टूर जिनमें तटीय भ्रमण, नौका-विहार, कैंपिंग, फ़िशिंग, गोल्फ, घुड़सवारी, स्कूबा डाइविंग, टेनिस और जल-क्रीड़ा आदि सम्मलित हैं, कास्ट्रीज से बुक किए जा सकते हैं। हैलीकाप्टर द्वारा ऊपर से विहंगम-दृष्य का आनंद कुछ और ही है। ऊपर से पूरे द्वीप के विभिन्न स्थानों, वनों, समुद्र, ज्वालामुखी,
पहाड़ आदि की हवाई-सैर का विलक्षण अनुभव होता है।
‘रौडनी बे’ में ‘राज़मताज़’ नामक एक भारतीय रेस्तराँ भी है। वहीं ‘कपोंस’ नाम का इटालियन और ‘ दि चार्ट हाऊस’ तथा ‘दि लाईम’ अमेरिकन और कैरिनबियन स्टाईल का ‘दि मार्टर एंड पेसल’ रेस्तराँ हैं। कैरिबियन स्टाईल के ‘सुफ़रीरे’ में भी ‘कमीला’, ‘दशीने”लाईफ़ लाईन’ आदि रेस्तराँ हैं।
सेंट लूशिया में पांच सितारे की अधिक आकांक्षा ना करें। अच्छे स्तर और साधारण होटल हर जगह मिल जाते हैं। यदि बच्चों के साथ जारहे हो और तीन सितारा गवारा हो तो ‘सेंट लूशिया बाई स्प्लैश’ आदि ठीक हैं। ‘अंसे चेसटानेट’, ‘जलूसली हिल्टन रिसोर्ट’ आदि तीन
सितारे स्तर के होटल हैं।
बैंक सोमवार से बृहस्पतिवारसुबह ८ बजे से दोपहर १२ बजे तक खुलते हैं। ए.टी.एम. मशीनें बैंकों, शापिंग मौल, ट्रांसपोर्टेशन सैंटर में मिलती हैं।
एयरपोर्ट में कस्टम से गुजरते हुए बहुत सतर्क रहें। यदि जरा सा भी किसी प्रकार का संदेह हो जाए तो बहुत परेशानी का सामना पड़ता है। सब जगह अपनी आवश्यक और मूल्यवान वस्तुओं की निगरानी रखना ठीक रहता है।
यदि होटल में फैक्स की सुविधा ना हो तो ‘कास्ट्रीज’ में ‘केबल एंड वायरलैस’ बिल्डिंग में कोशिश कीजिए। पीने के लिए पानी ठीक है पर फिर भी बोतल का पानी अधिक सुरक्षित है। सेंट लूशिया की भाषा साधारणतया अंगरेजी और फ्रैंच मिश्रित है। वहां की मुद्रा ‘ईस्ट
कैरिबियन डालर’ है। यदि आवश्यकता हो तो आपातकाल में पुलिस को ९९९ पर या एमबुलेंस को ९११ पर फोन कर सकते हो।
महावीर शर्मा


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Posted by महावीर on जनवरी 22, 2008 at 8:33 अपराह्न
Filed under पर्यटन, महावीर शर्मा  |
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very nice article
bdhiya lekh
आदरणीय महावीर जी,
नमस्ते –
बिल्कुल अलग विषय पर , सुन्दर आलेख देख,
मन प्रसन्न हो गया !